Sunday, May 24, 2020

राजस्थान इतिहास। जनजाति आंदोलन

भगत  आंदोलन:- 
प्रवर्तक:- गुरु गोविंद गिरी
  • गुरु गोविंद गिरी का जन्म  1858 में बांसिया गांव डूंगरपुर में हुआ
  •  गुरु गोविंद गिरी का बंजारा परिवार में जन्म हुआ
  •  उपनाम:- भीलो के गुरु
  •  यह आंदोलन वागड़ क्षेत्र में हुआ तथा भील जनजाति के लिए हुआ
  • कारण:-सामाजिक /आर्थिक /आध्यात्मिक शोषण (भीलो का)
  • सम्प सभा:-1883 सिरोही /आश्विन पूर्णिमा 
  • प्रेरणा:-- महर्षि दयानंद सरस्वती 
  • सम्प का अर्थ :-एकता/ भाईचारा/ प्रेम भाव 
  •  इसमें 10 नियम थे
  •  प्रथम अधिवेशन -1903 सिरोही
  •  द्वितीय अधिवेशन- 1908 मानगढ़ पहाड़ी
मानगढ़ पहाड़ी हत्या काण्ड:-17 नवंबर 1913
  •  स्थान :-मानगढ़ पहाड़ी बांसवाड़ा 
  • गुरु गोविंद गिरी भीलों को लेकर मानगढ़ पहाड़ी पर चले गए 
  • डूंगरपुर+ बांसवाड़ा +अंग्रेजों की सेना ने मिलकर  भीलो पर अंधाधुंध गोलियां चलाई
  •  इस हत्याकांड में 1500 भील मारे गए
  •  गुरु गोविंद गिरी के पेर पर गोली लगी
  •  गुरु गोविंद गिरी को पकड़कर ईडर जेल भेज दिया 
  • वागड़ का जलियांवाला बाग हत्याकांड 
  • गुरु गोविंद गिरी का अंतिम समय कंबोई स्थान पर बिता 
  • मानगढ़ धाम मेला:- मानगढ़ पहाड़ी बांसवाड़ा 
  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा को
  • इस मेले को आदिवासियों का मेला कहा जाता है
मातृ कुंडिया आंदोलन/ एकी आंदोलन / भोमट आंदोलन:-प्रवर्तक:- मोतीलाल तेजावत 
  • मोतीलाल तेजावत का जन्म 1886 में कोल्यारी (उदयपुर) में हुआ
  •  इनका संबंध ओसवाल जैन परिवार से था
  •  उपनाम:- भीलों के बावजी 
  •                आदिवासियों का मसीहा
  • यह आंदोलन उदयपुर+ सिरोही के भीलों के लिए हुआ
  •  एकी आंदोलन:-भीलो में एकता स्थापित करना 
  • प्रमुख केंद्र :-भोमट क्षेत्र( उदयपुर )
  • प्रारंभ:- 1921 मातृकुंडिया (चित्तौड़गढ़ )
  • कारण:- सामंती अत्याचार
  •  मोतीलाल तेजावत झाडोल ठिकाने के कामदार थे और 21 मांगों को लेकर आंदोलन आरंभ किया इन मांगों को 21 सूत्रीय मांग पुकार पत्र कहां गया 
  • मोतीलाल तेजावत ने भीलो पर लगने वाले बरङ कर का विरोध किया
  • नीमङा हत्याकांड:- 7 मार्च 1922 नीमङा गांव (सिरोही) 
  • मोतीलाल तेजावत ने अपने समर्थकों के साथ नीमड़ा गांव में सभा की 
  • जागीरदार की सेना ने इस सभा पर गोलियां चलाई
  •  जिसमें 1200 भील मारे गए 
  • इसे दूसरा जलियांवाला बाग हत्याकांड कहा जाता है 
  • इस हत्याकांड के बाद मोतीलाल तेजावत भूमिगत हो गए 
  • मोतीलाल तेजावत यह आंदोलन महात्मा गांधी की प्रेरणा से चलाया
  •  मोतीलाल तेजावत ने महात्मा गांधी की सलाह पर आत्मसमर्पण कर दिया
लसाडिया आंदोलन:- 
प्रवर्तक:- संत मावजी 
  • आंदोलन का क्षेत्र :-वागड़ क्षेत्र 
  • भीलों में आध्यात्मिकता का संचार करने के लिए आंदोलन चलाए
मीणा जनजाति आंदोलन:- 1924-1952
  • क्षेत्र :-जयपुर राज्य 
  • मीणा जनजाति के लोगों द्वारा 
  • मीणा जाति के 2 वर्ग होते हैं
  •  1.जमीदार मीणा:-मीणाओं का वर्ग जिसके पास जमीन होती है तथा कृषि करते हैं इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी होती है
2. चौकीदार मीणा:- मीणाओ का वह वर्ग जो  चौकीदार/ रखवाली करते हैं
  •  इनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती है 1900 सदी में जयपुर राज्य में चोरी डकैती छेड़छाड़ लूटपाट की घटनाएं बढ़ने लगी और इसका जिम्मेदार मीणा  जाति के लोग ठहराया गया 
  • जयपुर राज्य में दो कानून पारित कर दिए
1. क्रिमिनल क्राइम एक्ट :-1924
मीणाओं को अपराधी मान लिया गया
2. जयराम पैशा /जरायज पैशा:-1930
  • मीणाओं को प्रतिदिन पुलिस थाने में हाजिरी देने के लिए बाध्य किया गया 
  • मीणा जनजाति के लोगों ने इन दोनों कानूनों को समाप्त करने के लिए यह आंदोलन किया
  •  मीणा सुधार समिति:- 1930 
  • छोटूराम ने इस सभा के द्वारा मीणाओं को आंदोलन में भागीदार बनाया
  •  1944 में नीमकाथाना सीकर में मीणाओं का एक वृध्द सम्मेलन हुआ जिसकी अध्यक्षता मुन्नी भगत सागर द्वारा की गई इस सम्मेलन के बाद महिलाओं और बच्चों को पुलिस थाने में हाजिरी के लिए छूट दे दी
  •  लक्ष्मी नारायण झारवाल  के प्रयासों से 1952 में दोनों कानून को समाप्त कर दिया

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